


अखबार डाई जीट और सुएडड्यूशर जितुंग ने बीएनडी के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, चीनी लैब ने गेन-ऑफ-फंक्शन प्रयोग किए थे। इसके तहत वायरस को शोध के लिए मनुष्यों में अधिक संक्रामक बनाने के लिए संशोधित किया जाता है। दोनों अखबारों ने कहा कि लैब में सुरक्षा नियमों का कई बार उल्लंघन हुआ था। जर्मन जासूसी एजेंसी की इस खुफिया रिपोर्ट का नाम 'सारमा' था, जिसे जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के कार्यालय द्वारा शुरू किया गया था। हालांकि यह रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं की गई है।
बीएनडी ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार किया
इस बीच, बीएनडी ने अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर निवर्तमान चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अखबार ने यह भी बताया कि बीएनडी की इस रिपोर्ट को 2024 में अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ साझा किया गया था। बता दें कि इस साल जनवरी में सीआईए के प्रवक्ता ने कहा था कि इसकी बहुत संभावना है कि कोविड-19 महामारी के वायरस प्राकृतिक न होकर प्रयोगशाला जनित हैं।
चीन कर चुका है इनकार
चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने कभी भी कोरोनावायरस पर कोई गेन-ऑफ-फंक्शन शोध नहीं किया। और वह कोविड-19 वायरस के निर्माण या रिसाव में शामिल नहीं था। चीन की सरकार ने अमेरिका पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। बीजिंग ने कहा कि इस दावे में कोई विश्वसनीयता नहीं है कि प्रयोगशाला में लीक से महामारी फैलने की संभावना है।